पूरे देश में खुशी का माहौल है और जश्न बना रहे है, कांग्रेस पार्टी में मातम छया हुआ है
अस्तित्व में रहने वाली सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस में मातम जैसा माहौल बना हुआ है। धारा 370 खत्म होने के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है और जश्न बनाया जा रहा है। कांग्रेस के परेशान होने का कारण समझ में नहीं आ रहा है। अपनी दो कौड़ी की औकात बनाने के बाद अभी भी इस देश की भावना को समझने के लिये तैयार नहीं है। धारा 370 खत्म होने से कांग्रेस का ऐसा क्या लुट गया जो अब इतनी परेशान है कि देश की खुशी में कड़वाहट लाना चाहती है। अनुच्छेद 370 हटाने के मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को चुप्पी तोडते हुए कहा राष्ट्रीय एकीकरण का मतलब जम्मू-कश्मीर को तोड़ना, चुने गए प्रतिनिधियों को जेल में बंद कर देना और संविधान का उल्लंघन करना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह देश यहां के लोगों से बना है, न कि जमीन के टुकड़े से। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ताकत का यह गलत इस्तेमाल है। राहुल अपने पुरखों की गलती बता रहे है या मोदी की! ये साहब कुछ समय के लिये यदि मौन वृत धारण कर लें तो देश की जनता से उन्हें ज्यादा प्यार मिल जायेगा। अभी मोदी के सितारे बुलंद और राहुल के गर्दिश में है। क्या कांग्रेस भारत मुर्दाबाद कहना चाहती है, फिर इतने सवाल क्यों? खुद के बोये पाप को मोदी सरकार ने काटने का काम किया है सराहना मत करो लेकिन आलोचना का कोई हक भी नहीं है, सिर्फ चुप और अपनी हुई दुर्दशा की चिन्ता करने का समय है। आने वाली सभी चुनौतियों का देश की जनता खुद सामना कर लेगी, कांग्रेस की जरूरत महसूस नहीं कर रही है।
दरअसल सोमवार को मोदी सरकार ने अपना सबसे बड़ा फैसला लिया वो फैसला जो कश्मीर की किस्मत, सूरत सब बदल देगा। अनुच्छेद 370 हटाने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के बंटवारे के ऐलान से पूरे देश में जश्न की लहर दौड़ रही है। खुशी की लहर के बीच जम्मू-कश्मीर की आर्थिक सेहत सुधारने वाला प्लान भी सामने आ गया है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले के बाद मोदी सरकार ने अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा निवेश सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें देश के नामी-गिरामी कारोबारी हिस्सा लेंगे। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में निवेश के सभी रास्ते खोलने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक निवेश सम्मेलन का आयोजन दशहरा के आसपास किया जाएगा, क्योंकि सरकार का मानना है कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने से इलाके में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य अब दो केंद्र शासित प्रदेशों- लद्दाख और जम्मू कश्मीर में विभाजित हो जाएगा। जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
क्या कांग्रेस भारत मुर्दाबाद कहना चाहती है? फिर इतने सवाल क्यों