पार्टी के बैनरतले देश को शहीद हुए नेताओं को कलम का भी नमन

पार्टी के बैनरतले देश को शहीद हुए नेताओं को कलम का भी नमन

देश पर कुर्वान होने वालों की कमी नहीं है लेकिन कुछ देशप्रेमी नेताओं की कुर्वानी को कलम भी नमन कर उन्हें श्रद्धांजली देने के लिये विवश करती है। पिछले एक वर्ष में पूर्व प्रधान मंत्री अटल विहारी वाजपेयी, पूर्व मुख्यमंत्री मोहन पार्किर, शीला दीक्षित, सुशमा स्वराज और अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के निधन से देश को अपूर्णीय छिति हुई है। इन पांचों नेताओं रिक्ति को पूरा देश लंबे समय तक महसूस करता रहेगा। विपरीत परिस्थतियों में इनके द्वारा सुझाए गये सूत्रों पर चलना पड़ेगा। भृष्टाचार की स्थिरता के लिये भी देशवासी याद रखेंगे और बदलाव के लिये इन्हें इतिहास में भी इन्हें पढ़ा जायेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का मघ्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को इनका जन्म हुआ। इन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज जो अब लक्ष्मीबाई कॉलेज कहलाता है, में तथा कानपुर उप्र के डी.ए.वी. कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की और राजनीति विज्ञान में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। सन् 1993 मे कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा दर्शन शास्त्र में पी.एच डी की मानद उपाधि से सम्मानित किए गए।
भारत के बहुदलीय लोकतंत्र में ये ऐसे एकमात्र राजनेता हैं, जो प्रायः सभी दलों को स्वीकार्य रहे। इनकी विशेषता के कारण ये 16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तथा 1998- 99 और 13 अक्तूबर, 1990 से मई, 2004 तक तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। भारत की संस्कृति, सभ्यता, राजधर्म, राजनीति और विदेश नीति की इनको गहरी समझ थी। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में जहां इन्होंने पाकिस्तान और चीन से संबंध सुधारने हेतु अभूतपूर्व कदम उठाए वहीं अंतर राष्ट्रीय दवाबों के बावजूद गहरी कूटनीति तथा दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए पोखरण में परमाणु विस्फोट किए तथा कारगिल-युद्ध जीता। कई दशकों तक भारतीय राजनैतिक पटल पर छाये रहने के बाद अपने स्वास्थ्यजनित शारीरिक अक्षमता के कारण वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में आप ओझल हो गए, श्री वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया।
मनोहर पार्रीकर का जन्म 13 दिसम्बर 1955 को हुआ। भारत के एक राजनेता थे जो तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वे भारत के रक्षा मन्त्री भी रहे। वे उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद भी रहे थे। उन्होंने सन 1978 मे आई.आई.टी. मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। 
प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया तथा इंडिया टुडे के द्वारा किय गए सर्वेघ्क्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोआ लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी श्री पारिकर को गोआ में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है। दिनांक 17 मार्च 2019 की शाम को पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सूचना में उनका स्वास्थ्य अत्यधिक खराब होने की बात कही गयी थी परंतु कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति कार्यालय से उनकी मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने से उनकी मृत्यु की पुष्टि हो गयी। वे 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक व सादगी के लिये लोगों के जहन में बसे रहेंगे।
शीला दीक्षित का 31 मार्च 1938 को जन्म हुआ। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ थीं, जो 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही। इसके अतिरिक्त 11 मार्च 2014 से 25 अगस्त 2014 तक वह भारत के केरल राज्य की राज्यपाल, 1984 से 1989 तक कन्नौज से सांसद, और 10 जनवरी 2019 से अपनी मृत्यु तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रही।
दीक्षित 15 साल के अंतराल के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य की मुख्य मंत्री थी। वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं, तथा देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री थीं जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला। इनको 17 दिसंबर 2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था। 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। केरल के राज्यपाल श्री निखिल कुमार के त्घ्यागपत्र देने के पश्चात् उनकी नियुक्ति इस पद पर की गई थी, हालाँकि, उन्होंने 25 अगस्त को ही इस पद से त्यागपत्र दे दिया। 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांगेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद लिये उम्मीदवार घोषित की गई थीं, परन्तु बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। इसके पश्चात 10 जनवरी 2019 को उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष घोषित किया गया। उनका निधन शनिवार 20 जुलाई, 2019 को दिल्ली के एस्कोर्ट अस्पताल में हो गया।
सुषमा स्वराज 14 फरवरी 1952 को जन्म हुआ। एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की पूर्व विदेश मंत्री थीं। वे वर्ष 2009 में भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वे केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में रह चुकी हैं तथा दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही हैं। वे सन 2009 के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा के 1 सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति की अध्यक्ष भी रही थीं।
अम्बाला छावनी में जन्मी सुषमा स्वराज ने एसडी कालेज अम्बाला छावनी से बीए तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं। वर्ष 2014 में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जबकि इसके पहले इंदिरा गांधी दो बार कार्यवाहक विदेश मंत्री रह चुकी थीं। कैबिनेट में उन्हें शामिल करके उनके कद और काबिलियत को स्वीकारा। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है। 6 अगस्त, 2019 को उनका निधन हो गया।
अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर में हुआ। उनके पिता एक वकील थे। उन्होंने अपनी विद्यालयी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से 1957-69 में पूर्ण की। उन्होंने 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से कॉमर्स में स्नातक की। उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से विधि की डिग्री प्राप्त की। छात्र के रूप में अपने कैरियर के दौरान उन्होंने अकादमिक और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के विभिन्न सम्मानों को प्राप्त किया। वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे। अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया। उनके दो बच्चे, पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं। अरूण जेटली का 24 अगस्त 2019 को दोपहर 12ः07 बजे निधन हो गया। स्व. जेटली को जीएसटी के लिये सदैव याद किया जायेगा।


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