प्रयागराज. यहां दारागंज में गंगा किनारे स्थित निरंजनी अखाड़े में रविवार सुबह महंत आशीष गिरि ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। मौके पर मिली मेडिकल रिपोर्ट से आशंका है कि महंत आशीष ने बीमारी से परेशान होकर आत्मघाती कदम उठाया है। उत्तराखंड के रहने वाले आशीष गिरि काफी दिनों से यहीं रहते थे। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि, सुबह करीब आठ बजे उनकी आशीष गिरि से बात हुई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
40 वर्षीय महंत आशीष गिरि दारागंज में गंगा किनारे स्थित निरंजनी अखाड़े में रहते थे। रविवार सुबह करीब नौ बजे मठ के दूसरी मंजिल पर बने कमरे में बिस्तर के ऊपर खून से लथपथ आशीष गिरी का शव पड़ा था। उनके हाथ में पिस्टल थी। डीआईजी केपी सिंह आशीष गिरी हाई ब्लड प्रेशर और पेट की बीमारी से परेशान थे। उनका लीवर खराब हो गया था, इसी से वह परेशान थे।